कुछ टूट से और बिखर से गये थे हम आध्यात्म से रूठ से गये थे हम। कुछ टूट से और बिखर से गये थे हम आध्यात्म से रूठ से गये थे हम।
आत्मा निर्विकार अमर आत्मा संग दोष कैसे आया ? आत्मा निर्विकार अमर आत्मा संग दोष कैसे आया ?
शोक जगत को छोड़ उस पल, परमात्मा हो जाती है. शोक जगत को छोड़ उस पल, परमात्मा हो जाती है.
रास्ते तलाशते हुए शरीर सिर्फ और सिर्फ सुख भापते रास्ते तलाशते हुए शरीर सिर्फ और सिर्फ सुख भापते
करना नहीं कुछ पड़ता तुमको, इतनी सरल युक्ति बतलाते हैं। करना नहीं कुछ पड़ता तुमको, इतनी सरल युक्ति बतलाते हैं।
नाराज़गी जता कर क्यूँ न मुझसे आ मिले वो दिल मे रहते हुए भी दूरी, ये खूब कर लिया है नाराज़गी जता कर क्यूँ न मुझसे आ मिले वो दिल मे रहते हुए भी दूरी, ये खूब कर लिया...